देवभूमि का मर्म

"खटीमा (उत्तराखंड) से प्रकाशित साप्ताहिक समाचार पत्र"


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Sunday 22 October 2023

अब नौकरशाही भी उतरेगी सरकार के प्रचार में!

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सेना के बाद अब नौकरशाही भी उतरेगी सरकार के प्रचार में। केंद्र सरकार के ताजा फरमान के अनुसार अब ज्वाइंट सेक्रेटरी रैंक तक के अधिकारी केंद्र सरकार  की  बीते 9 वर्षों की उपलब्धियों का प्रचार देश भर के 765 जिलों और 2 लाख 69 हजार गांवों में  विकसित भारत संकल्प यात्रा के जरिए रथ यात्रा के रूप में करेंगे। ये यात्रा 20 नवंबर 2023 से 25 जनवरी 2024 तक चलेगी। गौरतलब है कि इससे पूर्व सेना के जवानों को भी छुट्टियों के दौरान सरकार की उपलब्धियां लोगो के बीच बताने के लिए कहा गया था।

Thursday 31 August 2023

क्या लोकसभा के साथ ही सभी राज्यों के चुनाव भी होंगे! वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई समिति

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नई दिल्ली: देश में एक ही चुनाव कराने को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र ने 'एक देश एक चुनाव' को लेकर एक समिति का गठन किया है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. यह समिति इस मुद्दे पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद ही यह तय होगा कि आने वाले समय में क्या सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों में विधानसभा के चुनाव कराने की तैयारी करेगी या नहीं. 

बता दें कि एक देश-एक चुनाव का मतलब है कि देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ ही करा लिए जाएं. देश के आजाद होने के कुछ समय बाद तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए जाते थे लेकिन ये प्रथा को बाद विभिन्न  कारणों से बदल गई और विधानसभा और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग से कराया जाने लगा. 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. सूत्रों के अनुसार सरकार इस दौरान एक देश एक चुनाव को लेकर बिल भी ला सकती है.


Tuesday 29 August 2023

चुनावी मोड में सरकार, सिलेंडर पर 200₹सब्सिडी देगी

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नई दिल्लीः  चुनावों को सामने देखते हुए आगामी फेस्टिव सीजन से पहले केंद्र सरकार ने सभी घरेलू रसोई गैस उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया है. केंद्रीय कैबिनेट ने इस आशय के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को यह जानकारी दी. वहीं, सरकार के इस फैसले के बाद उज्ज्वला स्कीम के लाभार्थियों को 200 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी. इस तरह पीएम उज्ज्वला योजना के बेनिफिशियरीज को कुल 400 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी मिलेगी.

Friday 25 August 2023

आई आई टी बॉम्बे को किसने दिया 160 करोड़ का दान

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लगातार मुश्किल हालातों का सामना कर रहे देश के प्रतिष्ठित उच्च शैक्षणिक संस्थानों की मुश्किलों के बीच आईआईटी बॉम्बे के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी सामने आई है।​खुद को गुमनाम रखने की शर्त पर आई आई टी बॉम्बे के

एक पूर्व छात्र ने 18.6 मिलियन की रकम दान की है. आईआईटीबी के निदेशक सुभाशीष चौधरी ने इसकी तुलना उन मंदिरों से की, जहां लोग हुंडी में उदार रूप से दान डालते हैं.

सुभाशीष चौधरी ने TOI से कहा कि यह पहली बार है कि हमें कोई गुमनाम दान मिला है. वास्तव में, जबकि यह संयुक्त राज्य अमेरिका में आम चलन है, मुझे नहीं लगता कि भारत में किसी भी विश्वविद्यालय को कोई ऐसा डोनेशन मिला है जहां डोनर गुमनाम रहना चाहता है. दानदाताओं को पता है कि जब वे आईआईटीबी को पैसा देंगे, तो इसका उपयोग कुशलतापूर्वक और सही उद्देश्य के लिए किया जाएगा. दान करने वाले पूर्व छात्र के बारे में प्रो चौधरी ने कहा कि भारतीय शिक्षा जगत में यह एक दुर्लभ घटना है कि कोई परोपकारी व्यक्ति गुमनाम रहना चाहता है. 

आईआईटी बॉम्बे ग्रीन एनर्जी एंड सस्टेनेबिलिटी रिसर्च हब की स्थापना के लिए पूर्व छात्र से 18.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर के दान का इस्तेमाल करेगा. यह योगदान वैश्विक जलवायु संकट से निपटने में संस्थान की भूमिका को फिर से परिभाषित करेगा. संस्थान ने एक बयान में कहा, यह हब उपनगरीय पवई में आईआईटी बॉम्बे परिसर में एक अत्याधुनिक शैक्षणिक भवन के भीतर स्थित होगा और इसका फोकस महत्वपूर्ण क्षेत्रों तक फैला होगा. 

Wednesday 23 August 2023

अब साल में दो बार होगी बोर्ड परीक्षा, 11 व 12 वीं में विद्यार्थियों को दो भाषाएं भी पढ़नी होंगी।

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नई दिल्ली:  बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर है ,शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी. यही नहीं कक्षा 11वीं और 12वीं में विद्यार्थियों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा. लेटेस्ट अपडेट है कि केंद्र ने बुधवार को नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलावों की घोषणा करते हुए कहा कि 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकें विकसित की जाएंगी. शिक्षा मंत्रालय द्वारा नए पाठ्यक्रम ढांचे की घोषणा की गई. शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी. यही नहीं छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी. शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी.

शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं में विषयों का चयन 'स्ट्रीम' तक सीमित नहीं रहेगा. बल्कि छात्र-छात्राओं को पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी. शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार, स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘मांग के अनुसार' परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे.नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार नए पाठ्यक्रम का खाका तैयार कर लिया गया है. शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि 2024 के शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी. शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम के खाके के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा, इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए

.शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत कक्षाओं में पाठ्य पुस्तकों को 'कवर' करने की मौजूदा प्रथा से बचा जाएगा. शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में कमी लाई जाएगी


Monday 21 August 2023

विश्व पटल पर छाया ये 18 वर्षीय भारतीय शतरंज खिलाड़ी

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बाकू (अजरबेजान):  

विश्वनाथन आनंद के बाद अब ये युवा खिलाड़ी शतरंज के खेल में भारत का झंडा बुलंद कर रहा है।

भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने सोमवार को यहां फिडे विश्व कप शतरंज टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में टाईब्रेक में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हरा दिया. दो मैचों की क्लासिकल सीरीज 1-1 से बराबरी पर समाप्त होने के बाद 18 वर्षीय भारतीय प्रज्ञानानंदा ने बेहद रोमांचक टाईब्रेकर में अमेरिका के दिग्गज ग्रैंडमास्टर को पछाड़ दिया. मंगलवार से होने वाले फाइनल में अब प्रज्ञानानंदा का मुकाबला पांच बार के चैंपियन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन से होगा, जिन्होंने सेमीफाइनल में अजरबेजान के निजात अबासोव को 1.5-0.5 से शिकस्त दी. प्रज्ञानानंदा विश्व कप सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले आनंद के बाद सिर्फ दूसरे भारतीय हैं. उन्होंने 2024 में होने वाले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी जगह बना ली है जिससे डिंग लिरेन के चैलेंजर का फैसला होगा

Monday 7 August 2023

मणिपुर हिंसा की जांच और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए चंद्रचूड़ की अदालत की सुप्रीम व्यवस्था

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नई दिल्ली: मणिपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा और बुद्धिमत्ता पूर्ण दखल दिया है. सुप्रीम कोर्ट मणिपुर हिंसा की जांच की निगरानी करने को तैयार हो गया है. कोर्ट ने हिंसा मामलों की जांच की निगरानी महाराष्ट्र के पूर्व डी जी पी

दत्तात्रेय पद्सालजिलकर को सौंपी है. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच CBI ही करेगी, लेकिन स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए  सीबीआई में दूसरे राज्यों से DySP  रैंक के  5-5 अफसर लेने का फैसला किया गया है. बाकी मामलों की पुलिस जांच में 42 SIT बनेंगी. इनका नेतृत्व SP रैंक का अधिकारी करेगा.

DIG स्तर के अफसर 6-6 SIT की निगरानी करेंगे. तीन पूर्व हाईकोर्ट जजों की अध्यक्षता में एक समिति का गठन  होगा. जो मणिपुर में राहत, पुनर्वास की निगरानी करेगी. जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की पूर्व CJ गीता मित्तल की अगुवाई में बॉम्बे हाईकोर्ट की पूर्व जज शालिनी और दिल्ली हाईकोर्ट की पूर्व जज आशा मेनन की कमेटी का गठन करेंगे.CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम हाईकोर्ट के जजों की कमेटी और IPS अफसर दत्तात्रेय पद्सालजिलकर को समय-समय पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहेंगे. हमारा प्रयास कानून व्यवस्था और भरोसे को बहाल करने का होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में जांच की निगरानी करने और सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करने के लिए मुंबई के पूर्व कमिश्नर और महाराष्ट्र के डीजीपी दत्तात्रय पडसलगीकर को नियुक्त किया है. सीजेआई का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट यह सुनिश्चित करना चाहता है कि संतुलन बना रहे और जांच ठीक से हो.

मणिपुर हिंसा के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. केंद्र की ओर से AG आर वेंकेटरमनी ने कोर्ट में अपनी दलील रखी. वहीं मणिपुर DGP राजीव सिंह भी अदालत में पेश हुए. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है.केंद्र ने कोर्ट को बताया कि मणिपुर में हिंसा से संबंधित मामलों की जांच के लिए जिलावार विशेष जांच दल गठित किए जाएंगे. वहीं कोर्ट की निगरानी समिति से जांच कराने की मांग वाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है.अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा, "किसी भी बाहरी जांच की अनुमति दिए बिना, जिला स्तर पर एसआईटी का गठन किया जाना चाहिए."

वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने तर्क दिया कि हिंसा अभी भी जारी है, ऐसे में जांच और आगे के अपराधों पर रोकथाम, ये दोतरफा दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है.


वहीं वकील निज़ाम पाशा ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के 16 एफआईआर हैं, उन सभी को सीबीआई को स्थानांतरित करने की जरूरत है.


उन्होंने कहा, "वे इसे एसआईटी कह रहे हैं, लेकिन इसका चयन राज्य द्वारा किया जाता है. सक्रिय भागीदारी से लेकर अपराध तक, आरोप राज्य पुलिस के खिलाफ हैं. यदि चयन राज्य कैडर द्वारा होता है तो गंभीरता से जांच में संशय है. चयन अदालत द्वारा होना चाहिए. सरकारी अभियोजकों के लिए अन्य राज्यों के कानून अधिकारी होने चाहिए."


सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में मौजूदा संकट को कम करने के उद्देश्य से वकील निज़ाम पाशा के मूल्यवान और 'निष्पक्ष' सुझावों के लिए पिछले महीने सराहना की थी.


वकील प्रशांत भूषण ने तर्क दिया कि हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति की जांच के लिए एक स्वतंत्र निकाय होनी चाहिए.


केंद्र ने तर्क दिया कि जांच में पुलिस पर भरोसा नहीं करना उचित नहीं होगा. एसजी मेहता ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की जाने वाली प्रस्तावित समिति में केवल न्यायिक अधिकारियों को ही शामिल किया जाए, नागरिक समाज समूहों को नहीं."


सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के तीन पूर्व जजों की एक समिति का प्रस्ताव रखा, जो जांच के अलावा पुनर्वास और अन्य मुद्दों पर भी गौर करेगी, समिति का दायरा व्यापक होगा.


अदालत ने कहा, "हमारा प्रयास कानून के शासन में विश्वास की भावना बहाल करना है. हम एक स्तर पर तीन पूर्व एचसी न्यायाधीशों की एक समिति का गठन करेंगे. यह समिति जांच के अलावा अन्य चीजों को भी देखेगी, जिसमें राहत और उपचार के उपाय आदि शामिल होंगे."


गौरतलब है कि एक अगस्त को शीर्ष अदालत ने कहा था कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था और संवैधानिक मशीनरी पूरी तरह से चरमरा गई है. कोर्ट ने जातीय हिंसा की घटनाओं, विशेषकर महिलाओं को निशाना बनाने वाली घटनाओं की धीमी और सुस्त जांच के लिए राज्य पुलिस को फटकार लगाई थी और 7 अगस्त को अपने सवालों का जवाब देने के लिए डीजीपी को तलब किया था.


केंद्र ने पीठ से आग्रह किया था कि महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न परेड कराने वाले वीडियो से संबंधित दो एफआईआर के बजाय, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा से जुड़ी 6,523 एफआईआर में से 11 को सीबीआई को स्थानांतरित किया जा सकता है और मणिपुर से बाहर मुकदमा चलाया जा सकता है.


पीठ हिंसा से संबंधित लगभग 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें पुनर्वास और अन्य राहतों के अलावा मामलों की अदालत की निगरानी में जांच सहित राहत की मांग की गई है.